सोमवार, 15 जून 2020

ओडिशा में महानदी में मिला 500 साल पुराना मंदिर

हमारे भारत देश की संस्कृति विशाल है। यहां बहुत सारे प्राचीन मंदिर और प्राचीन इमारतें है जो कि तब पता चलता है जब इसकी खुदाई कि जाती है या पानी में डूबा हुआ मिलता है । यह हमारी भारतीय संस्कृति की रहस्य का उजागर करती है। आज इसी तरह समाचार में एक प्राचीन जगह का पता चला जो कि भारतीय संस्कृति से संबंधित है इसलिए उसके बारे में बताया जा रहा है। इसकी जानकारी हमारी प्राचीन चिजो मे जानने के लिये महत्वपुर्ण है ।
ओडिशा में महानदी में मिला 500 साल पुराना मंदिर
दीपक के नायक द्वारा बनाया गया


ओडिशा में महानदी में मिला 500 साल पुराना मंदिर

ओडिशा के नयागढ़ जिले में एक 500 साल पुराना मंदिर महानदी से बाहर आ गया । कई सालों पहले यह मंदिर डूब गया था। इसमें भगवान गोपीनाथ की प्रतिमाएं थीं, जिन्हें भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। यह एक प्राचीन मंदिर है।
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) की आर्केलॉजिकल सर्वे टीम ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने कटक से महानदी में एक प्राचीन जलमग्न मंदिर की खोज की है।

  मंदिर 60 फीट लंबा था

जलमग्न मंदिर की चोटी की खोज नयागढ के पास पद्मावती गांव में बाडेश्वर के पास नदी के बीच में की गई थी। 60 फीट लंबा यह मंदिर 15वीं शताब्दी के आखिर या 16वीं शताब्दी की शुरुआत में बना था। अब से 11 साल पहले भी इसी तरह यह मंदिर पानी से बाहर आ गया था । 
प्रोजेक्ट असिस्टेंट दीपक कुमार नायक ने ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में रूचि रखने वाले रवीन्द्र कुमार राणा की मदद से यहां की जांच की थी। दीपक कुमार ने बताया कि गोपीनाथ मंदिर भगवान विष्णु का ही मंदिर था। यह प्राचीन मंदिर है और इसका पता लगना बहुत बडी उपलब्धी है।

 19वीं शताब्दी में नदी में डूबे कई गांव और मंदिर 

उन्होंने बताया कि पद्मवती गांव सतपतना का हिस्सा था, यानि वहां 7 गांव थे. 19वीं शताब्दी में नदी का स्तर बढ़ने के कारण यहां के लोग ऊंचे स्थानों पर जा बसे। इस दौरान गांव वालों ने न केवल खुद के स्थान को बदला, बल्कि मंदिर के देवताओं को भी अपने साथ ले गए। 

जल स्तर के बढ़ने से डूबे लगभग 22 प्राचीन मंदिर

रविंद्र राणा ने कहा कि पिछले एक साल में, बदलते जल स्तर के कारण इसे 4 से 5 दिनों तक देखा गया था. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस जगह करीब 22 मंदिर थे, जो पानी का स्तर बढ़ने के बाद नदी में डूब गए।

 प्राचीन मंदिर के आस-पास के इलाके में लगातार हो रही है खोज

महानदी प्रोजेक्ट (INTACH) के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अनिल धीर ने बताया, “हम महानदी के स्मारकों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं। हम इस मंदिर के चारों तरफ पांच किलोमीटर के दायरे में और मंदिरों और धरोहरों की खोज कर रहे हैं। लोग पहले से ही जानते थे कि इसके नीचे एक मंदिर है।"
                           इस तरह महानदी प्रोजेक्ट के कारण हमे इतना पुराना मंदिर के बारे मे पता चला। इस तरह हमारे भारतीय संस्कृति ब्लाग मे हमारे ब्लाग से सम्बंधित प्राचीन चिजो के खोज की खबरे मिलती रहेंगी ।




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